जानिएं कौनसी हैं वह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां? जिनका कैंसर के उपचार में है योगदान!

कैंसर के उपचार में उपयोगी प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

हम सभी इस बात से अवगत है कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका उपचार जटिल होने के साथ व्यक्ति को कमज़ोर भी बना देता है। कैंसर के इलाज के दौरान पीड़ित व्यक्ति को कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी से गुजरना पड़ता है। ऐसी सर्जरी और उपचार प्रक्रियाओं के बाद अक्सर मरीज में साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं, जो रोगी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देते हैं।

दूसरी ओर, आयुर्वेद में ऐसी कुछ जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है, जो कैंसर जैसे गंभीर रोग के उपचार में सहायक सिद्ध हो सकती हैं। इन जड़ी-बूटियों के उपयोग से रोगी को कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है। ये जड़ी-बूटियां रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। आज हम इन्हीं जड़ी-बूटियों के बारे में जानेंगे।

आयुर्वेद का इतिहास 5000 साल से अधिक पुराना है, और इसीलिए आयुर्वेद को सबसे बेहतर और भरोसेमंद उपचार माना जाता है। आयुर्वेद का मानना ​​है कि जीवन शैली में बदलाव, जड़ी-बूटियों के उपयोग और उचित आहार के माध्यम से हम किसी भी रोग का निदान कर सकते हैं।

कैंसर के उपचार में आयुर्वेद जड़ी-बूटियों की भूमिका

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां कैंसर के उपचार के लिए बहुत लाभदायक मानी गई हैं। ये जड़ी-बूटियां रोगी के शरीर को ऊर्जा और प्रतिरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये जड़ी-बूटियां कैंसर के लक्षणों को नियंत्रित करने और कैंसर के उपचार के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद करती हैं ताकि रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो और उसे जल्दी स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

कैंसर के उपचार में उपयोगी प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां निम्न लिखित हैं।

1. राजगीरा

राजगीरा में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसमें विशेषकर लाइसिन होता है, जो एक प्रकार का एमिनो एसिड है। यह एसिड आमतौर पर अन्य अनाजों में नहीं पाया जाता है। यह ऊतकों को ठीक करने और प्रतिरक्षा में मदद करता है। इस जड़ी बूटी में बायोएक्टिव घटक भी होते हैं जो एक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के रूप में काम करते हैं।

फायदे:

इस जड़ी-बूटी में मौजूद प्रोटीन की प्रचुर मात्रा, कीमोथेरेपी के कारण नष्ट हुई मांसपेशियों को पुनः जीवित करने में मदद करती है। राजगीरा में सूजनरोधी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें मैाजूद आयरन, एनीमिया को रोकने में मदद करता है।

2. कट्टू (बार्नयार्ड बाजरा)

कट्टू इम्युनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है। इसे बार्नयार्ड मिलेट के नाम से भी जाना जाता है। कट्टू कैंसर रोगियों के लिए यह बहुत पौष्टिक है। यह अनाज पूरी तरह से ग्लूटेन-मुक्त, अत्यधिक पौष्टिक और फाइबर, विटामिन बी, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिजों से भरपूर होता है।

फायदे:

कट्टू ब्लड शूगर के स्तर को स्थिर रखता है, जो शरीर में ताकत बनाए रखने में सहायक है। इसमें उच्च फाइबर होता है, जो पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव गुण तनाव को कम करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।

3. सिंघाड़ा

सिंघाड़ा का उपयोग कई पारंपरिक औषधीयों में किया जाता है, और यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। सिंघाड़ा में ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो कैंसर की रोकथाम में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।

फायदे:

सिंघाड़ा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को लड़ने में मदद करते हैं। सिंघाड़ा में फाइबर भी होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, और कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। साथ ही इसमें विटामिन बी6, पोटेशियम, मैग्नीशियम, और मैंगनीज जैसे आवश्यक पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

4. सांवा

सांवा शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाला अनाज है, जिसका पाचन आसान है। यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, और कैंसर के इलाज में मदद करता है।

फायदे:

सांवा में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम होता है, जो थकान और तनाव को कम करके रोगी के उपचार में मदद करता है। यह कार्बोहाइड्रेट प्रदान करके रोगी के शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम मांसपेशियों को ठीक करने में सहायता करता है।

5. रागी

रागी को ‘फिंगर मिलेट’ भी कहा जाता है। यह अनाज पोषण से भरपूर होता है, और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। कैंसर के उपचार में भी यह मददगार है।

फायदे:

रागी एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो कैंसर के उपचार में मदद करती है। इसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जो हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह उन रोगियों के लिए अधिक लाभदायक है, जो कैंसर उपचार के साइड इफेक्ट्स के कारण हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

6. मूंग

मूंग एक मुख्य दलहन है, जो उच्च पोषकता के लिए जाना जाता है। मूंग में फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

फायदे:

मूंग में मौजूद प्रोटीन मांसपेशियों को ठीक करने में मदद करता है, और रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी एक्टिव करता है। मूंग में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। मूंग में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भी होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।

यह आर्टिकल कैंसर रोग के निदान में सहायक आयुर्वेदिक जड़ी बुटियों की साधारण जानकारी के लिए है। अगर आप कैंसर रोग से ग्रसित है, तो इन जड़ी-बूटियों का उपयोग करने से पूर्व आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

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